2025 में मोबाइल ऐप्स से ठगी कैसे हो रही है? पहचानें नए फ्रॉड और बचाव के तरीके

 

2025 में मोबाइल ऐप्स से हो रही ठगी की जानकारी देता हिंदी ब्लॉग पोस्ट
जानिए कैसे हो रही है ठगी मोबाइल ऐप्स के ज़रिए – और कैसे बचें 2025 में

2025 में मोबाइल ऐप्स से ठगी कैसे हो रही है? पहचानें नए फ्रॉड और बचाव के तरीके

2025 में मोबाइल इंटरनेट और UPI के तेज़ी से बढ़ते इस्तेमाल के साथ-साथ डिजिटल ठगी भी नए रूप ले चुकी है। आज ठग केवल कॉल या SMS से ही नहीं, बल्कि आपके स्मार्टफोन में इंस्टॉल की गई ऐप्स के ज़रिए भी आपके बैंक अकाउंट तक पहुंच बना रहे हैं।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से बताएंगे कि 2025 में कौन-कौन से मोबाइल ऐप फ्रॉड हो रहे हैं, ठग किन तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं और आप कैसे अपने मोबाइल, डेटा और पैसों को इन खतरों से बचा सकते हैं।

कैसे होती है मोबाइल ऐप्स से ठगी?

  • फर्जी Loan Apps – उच्च ब्याज दर, निजी डेटा चोरी, धमकी भरे कॉल्स।
  • Screen Mirroring Apps – आपके मोबाइल स्क्रीन को रिमोट एक्सेस दे देते हैं।
  • UPI Spoofing Apps – नकली UPI इंटरफेस से पैसा निकलवाया जाता है।
  • Phishing Apps – दिखते असली जैसे हैं लेकिन आपकी जानकारी चुरा लेते हैं।

2025 में सामने आए कुछ नए मोबाइल फ्रॉड ट्रेंड्स

  1. AI generated apps: नकली AI बॉट्स जो चैट करके विश्वास दिलाते हैं।
  2. Crypto निवेश के बहाने: नकली ट्रेडिंग ऐप्स से ठगी।
  3. KYC Update का झांसा: फर्जी ऐप के जरिए ग्राहक से OTP और UPI PIN मांगा जाता है।

फर्जी ऐप्स की पहचान कैसे करें?

  • Play Store पर डेवलपर की जानकारी जांचें।
  • ऐप के रिव्यू और डाउनलोड संख्या देखें।
  • ऐप को बहुत अधिक परमिशन चाहिए तो सतर्क हो जाएं।
  • अनजान लिंक या QR स्कैन से इंस्टॉल न करें।

सरकार और साइबर एजेंसी क्या कर रही हैं?

2025 में CERT-In (भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसी) ने कई ऐसे ऐप्स को बैन किया है और चेतावनी भी जारी की है:

  • 100+ फर्जी लोन ऐप्स को हटाया गया है।
  • cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा बढ़ाई गई है।
  • RBI ने अनधिकृत ऐप्स की सूची भी जारी की है।

मोबाइल ऐप्स से ठगी से कैसे बचें? (10 आसान उपाय)

  1. केवल Google Play Store या Apple App Store से ऐप डाउनलोड करें।
  2. अनजाने लिंक पर क्लिक करने से बचें।
  3. फोन में स्क्रीन रिकॉर्डिंग या स्क्रीन शेयरिंग ऐप न रखें।
  4. सभी ऐप्स को समय-समय पर अपडेट करते रहें।
  5. मोबाइल में Antivirus या सुरक्षा ऐप रखें।
  6. OTP, UPI PIN किसी के साथ भी साझा न करें।
  7. बैंकिंग ऐप्स को सुरक्षित फोल्डर में रखें।
  8. भरोसेमंद ऐप्स के ही KYC नोटिफिकेशन पर ध्यान दें।
  9. किसी अनजान व्यक्ति को फोन एक्सेस न दें।
  10. फोन गुम हो जाए तो तुरंत SIM और बैंक ऐप ब्लॉक करें।

अगर ठगी हो जाए तो क्या करें?

  • तुरंत अपना बैंक कॉल सेंटर और UPI ऐप को सूचित करें।
  • नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन में FIR कराएं।
  • www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
  • 118 नंबर पर कॉल करके तुरंत सहायता लें।

Real-life Case Study (2025)

दिल्ली के एक इंजीनियर को एक नकली लोन ऐप के जरिए 50,000 रुपये की ठगी का शिकार होना पड़ा। ऐप इंस्टॉल करते ही उनके कॉन्टैक्ट्स, गैलरी और लोकेशन तक पहुंच बना ली गई और फिर निजी तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल किया गया।

FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या हर लोन ऐप नकली होता है?
नहीं, लेकिन RBI से अप्रूव ऐप्स ही भरोसेमंद होते हैं।

Q2. क्या सिर्फ ऐप इंस्टॉल करने से ही ठगी हो सकती है?
हाँ, अगर ऐप को ज्यादा परमिशन मिल गई तो।

Q3. क्या स्क्रीन शेयर करने से बैंक अकाउंट हैक हो सकता है?
बिलकुल! स्कैमर्स आपकी एक्टिविटी देखकर पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं।

निष्कर्ष

2025 में मोबाइल ऐप्स से जुड़ी ठगी पहले से कहीं ज्यादा चतुर और तकनीकी हो चुकी है। लेकिन सावधानी, जानकारी और तकनीकी सुरक्षा से हम खुद को और अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं।

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