भारत में मोबाइल टावर से होने वाले रेडिएशन का असर और बचाव के तरीके (2025 गाइड)

 

मोबाइल टावर से निकलने वाला रेडिएशन और उससे बचाव – 2025 हिंदी जानकारी
मोबाइल टावर रेडिएशन से बचाव और प्रभाव की 2025 गाइड

भारत में मोबाइल टावर से होने वाले रेडिएशन का असर और बचाव के तरीके (2025 गाइड)

आज के डिजिटल युग में मोबाइल नेटवर्क का विस्तार बहुत तेजी से हो रहा है। गांव से लेकर शहर तक, हर जगह मोबाइल टावर खड़े नजर आते हैं। जहां यह नेटवर्क कनेक्टिविटी के लिए जरूरी हैं, वहीं कई लोग इनके रेडिएशन (Radiation) को लेकर चिंतित रहते हैं। सवाल यह है कि क्या वाकई मोबाइल टावर से निकलने वाला रेडिएशन खतरनाक होता है? और अगर हां, तो इससे बचने के उपाय क्या हैं? इस लेख में हम इसी विषय पर 2025 की सबसे नई और प्रमाणिक जानकारी आपके लिए ला रहे हैं।

मोबाइल टावर से रेडिएशन क्या होता है?

मोबाइल टावर से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन (EMR) निकलता है जो रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) पर आधारित होता है। ये वही तरंगें होती हैं जो आपके मोबाइल फोन को नेटवर्क सिग्नल उपलब्ध कराती हैं। यह नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन होती है, यानी यह सीधे डीएनए को नुकसान नहीं पहुंचाती। लेकिन इसका लंबे समय तक और उच्च तीव्रता में संपर्क संभावित रूप से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

भारत में मोबाइल टावर के नियम – 2025 अपडेट

  • TRAI (भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण) और DoT (दूरसंचार विभाग) ने मोबाइल टावर रेडिएशन की अधिकतम सीमा तय की है।
  • भारत में यह सीमा WHO और अन्य देशों की तुलना में 10 गुना अधिक सख्त है।
  • हर टावर को अनिवार्य रूप से EMF Radiation Certificate लेना होता है।
  • 2025 में नए नियमों के अनुसार, स्कूल, अस्पताल और आवासीय क्षेत्रों में टावर लगाने के लिए विशेष अनुमति आवश्यक है।

क्या मोबाइल टावर रेडिएशन से स्वास्थ्य को नुकसान होता है?

वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य संगठनों के अनुसार, मोबाइल टावर का रेडिएशन लंबे समय तक और उच्च मात्रा में संपर्क में आने पर कुछ संभावित स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हो सकता है, जैसे:

  • नींद की समस्या और थकान
  • सिरदर्द और एकाग्रता में कमी
  • त्वचा में जलन
  • बच्चों में व्यवहार परिवर्तन
  • कुछ मामलों में कैंसर का खतरा (अभी तक निश्चित प्रमाण नहीं)

किन लोगों को ज्यादा खतरा हो सकता है?

  • जो लोग मोबाइल टावर के सीधे सामने या बहुत पास रहते हैं (50 मीटर के अंदर)
  • बच्चे और बुजुर्ग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है
  • गर्भवती महिलाएं
  • रोजाना 10 घंटे से अधिक समय तक घर में रहने वाले व्यक्ति

मोबाइल टावर से रेडिएशन के बचाव के 10 आसान उपाय

  1. टावर की सीधी लाइन में घर का दरवाजा या खिड़की न रखें।
  2. जहां संभव हो, टावर से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर रहें।
  3. Anti-Radiation पर्दे या शीट्स का प्रयोग करें।
  4. ग्रीनरी (पेड़-पौधे) लगाने से रेडिएशन के असर को कम किया जा सकता है।
  5. सोने का स्थान टावर से दूर रखें।
  6. बच्चों का खेलने का क्षेत्र टावर की दिशा से दूर बनाएं।
  7. Shielding Paint से घर की दीवारों को कोट किया जा सकता है।
  8. EMF Detector से रेडिएशन स्तर की जांच करें।
  9. Red Oxide Floor Tiles रेडिएशन को रिफ्लेक्ट करती हैं – इन्हें अपनाएं।
  10. यदि रेडिएशन स्तर उच्च हो, तो स्थानीय नगर पालिका या DoT में शिकायत करें।

मोबाइल टावर की शिकायत कहां और कैसे करें?

  • EMF Complaint Portal: https://emfportal.dot.gov.in
  • TRAI App: मोबाइल टावर लोकेशन और रेडिएशन लेवल देखने के लिए
  • Public Grievance Portal: https://pgportal.gov.in
  • RTI द्वारा जानकारी मांग सकते हैं कि आपके इलाके में टावर की EMF रिपोर्ट क्या है।

क्या करें यदि टावर घर के बहुत पास है?

  • EMF Radiation Certificate मांगें
  • RTI के माध्यम से रेडिएशन डेटा प्राप्त करें
  • नजदीकी नगर निगम या ग्राम पंचायत में आपत्ति दर्ज करें
  • शिकायतों के बाद रेडिएशन स्तर की जांच अनिवार्य रूप से की जाती है

रेडिएशन को लेकर अफवाह और सच

  • अफवाह: मोबाइल टावर कैंसर का सीधा कारण है
  • सच: अब तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन जोखिम की संभावना है
  • अफवाह: रेडिएशन तुरंत असर करता है
  • सच: असर धीमे-धीमे और वर्षों बाद महसूस हो सकता है

2025 में मोबाइल टावर की नई टेक्नोलॉजी

  • 5G टावरों में बीम फोकस किया जा रहा है जिससे बेतरतीब रेडिएशन कम होगा
  • Small Cells Technology – कम शक्ति पर काम करने वाले टावर जो सुरक्षित माने जा रहे हैं
  • Rediation Shield Housing – टावर के पास रहने वालों के लिए विशेष डिज़ाइन वाले घर

निष्कर्ष

मोबाइल टावर हमारे जीवन के लिए जितने जरूरी हैं, उतना ही जरूरी है उनसे निकलने वाले रेडिएशन को समझना और उनसे बचने के उपाय करना। डरने की आवश्यकता नहीं, लेकिन जागरूक रहने की जिम्मेदारी जरूर है।

अगर आपके आसपास टावर है और आप चिंतित हैं, तो ऊपर दिए गए तरीकों और सरकारी पोर्टल्स के माध्यम से समाधान पा सकते हैं।

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