![]() |
2025 में CAPTCHA और AI के ज़रिए वेबसाइट्स यूज़र्स को इंसान या रोबोट पहचान रही हैं। |
CAPTCHA क्या होता है? 2025 में वेबसाइट्स हमें इंसान या रोबोट क्यों पहचानती हैं?
आपने अक्सर देखा होगा कि जब आप किसी वेबसाइट पर लॉगिन करने जाते हैं, या ऑनलाइन फॉर्म भरते हैं, तो एक मैसेज आता है – "I'm not a robot" या फिर कुछ इमेज दिखाई जाती हैं जिनमें से ट्रैफिक लाइट, बस या पुल पहचानने को कहा जाता है। ये सब CAPTCHA का हिस्सा होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये CAPTCHA क्या होता है? ये वेबसाइट को कैसे पता चलता है कि आप इंसान हैं या कोई रोबोट?
CAPTCHA का फुल फॉर्म क्या होता है?
CAPTCHA का पूरा नाम है – Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart. यह एक ऑटोमेटेड टेस्ट होता है, जिसका मकसद यह पता लगाना होता है कि वेबसाइट का उपयोग करने वाला इंसान है या कंप्यूटर (bot)।
CAPTCHA का इतिहास
CAPTCHA की शुरुआत 2000 में हुई थी, जब Yahoo जैसी कंपनियाँ स्पैम बॉट्स से परेशान थीं। सबसे पहला CAPTCHA वर्ड वेरिफिकेशन पर आधारित था, जिसमें टेढ़े-मेढ़े शब्दों को इंसानों को टाइप करना होता था। यह तकनीक कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने विकसित की थी।
CAPTCHA के प्रकार
2025 तक CAPTCHA के कई रूप विकसित हो चुके हैं:
- Text CAPTCHA: अक्षरों और अंकों को पहचानकर टाइप करना।
- Image CAPTCHA: सही इमेज (जैसे ट्रैफिक लाइट, बाइक) चुनना।
- Audio CAPTCHA: ऑडियो में बोले गए शब्दों को पहचानना।
- Math CAPTCHA: 2+3 जैसे आसान सवाल हल करना।
- reCAPTCHA v2/v3: Google का स्मार्ट CAPTCHA सिस्टम जो माउस मूवमेंट और user behavior से काम करता है।
CAPTCHA कैसे काम करता है?
CAPTCHA एक तरह का challenge होता है जिसे इंसान आसानी से हल कर सकता है लेकिन रोबोट नहीं। इसका मकसद वेबसाइट को बॉट्स से बचाना होता है।
Example:
- अगर एक फॉर्म 100 बार एक मिनट में भरने की कोशिश हो रही है, तो CAPTCHA लगेगा।
- CAPTCHA स्पैम, हैकिंग, बोट रजिस्ट्रेशन जैसी चीजों को रोकता है।
reCAPTCHA क्या है?
reCAPTCHA Google द्वारा बनाया गया CAPTCHA सिस्टम है जो AI आधारित है। इसमें user की एक्टिविटी जैसे माउस मूवमेंट, स्क्रॉलिंग पैटर्न, क्लिक टाइम आदि देखकर तय किया जाता है कि यूज़र इंसान है या नहीं।
reCAPTCHA के वर्ज़न:
- v1: पुराना टेक्स्ट आधारित सिस्टम
- v2: “I'm not a robot” चेकबॉक्स
- v3: बिना यूज़र से interaction के स्कोर देकर तय करता है
- Invisible reCAPTCHA: बैकग्राउंड में ही AI से यूज़र की वैलिडिटी तय करता है
AI और CAPTCHA का रिश्ता
AI ने CAPTCHA को और ज़्यादा स्मार्ट बना दिया है। अब CAPTCHA में Machine Learning का इस्तेमाल होता है जिससे यह यूज़र की हरकतों को देखकर उसे पहचान सकता है।
क्या AI CAPTCHA को तोड़ सकता है?
हाँ! अब कई AI-powered बॉट्स CAPTCHA को भी बायपास करने लगे हैं। इसलिए CAPTCHA भी लगातार evolve हो रहा है।
हैकर्स CAPTCHA को कैसे तोड़ते हैं?
- OCR (Optical Character Recognition) से टेक्स्ट CAPTCHA को पढ़ना
- AI image classifiers से इमेज CAPTCHA को पहचानना
- सस्ते human click farms जो CAPTCHA solve करने के पैसे लेते हैं
भारत में CAPTCHA का उपयोग कहाँ होता है?
भारत में कई सरकारी और प्राइवेट वेबसाइट्स पर CAPTCHA का उपयोग होता है:
- IRCTC
- UIDAI (Aadhaar)
- Income Tax E-Filing
- University admission portals, Govt job forms आदि
CAPTCHA के फायदे
- Spam और बॉट्स से सुरक्षा
- वोटिंग और पोल्स में निष्पक्षता
- लॉगिन सिक्योरिटी
- ऑटोमेटेड स्क्रैपिंग से डेटा प्रोटेक्शन
CAPTCHA की सीमाएँ
- दृष्टिहीन या दिव्यांग व्यक्तियों के लिए मुश्किल
- गलत पहचान (false negatives)
- यूज़र एक्सपीरियंस में रुकावट
भविष्य में CAPTCHA कैसा होगा?
2025 और आगे CAPTCHA पूरी तरह AI पर आधारित होने वाला है। अब:
- Behavioral analysis पर CAPTCHA बन रहे हैं
- Face recognition और fingerprint का उपयोग हो सकता है
- India में Aadhaar + biometric based CAPTCHA भी आ सकता है
निष्कर्ष
CAPTCHA एक छोटा सा, लेकिन इंटरनेट की दुनिया में बड़ा और ज़रूरी सिस्टम है। 2025 में जैसे-जैसे बॉट्स और AI स्मार्ट होते जाएंगे, CAPTCHA भी और एडवांस होता जाएगा। यह आपकी सुरक्षा का पहला गेटकीपर है – जो वेबसाइट को बताता है कि सामने इंसान है या मशीन।
तो अगली बार जब आप CAPTCHA हल करें, तो समझिए आप इंटरनेट की दुनिया में अपनी पहचान पुख्ता कर रहे हैं।
एक टिप्पणी भेजें