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2025 में भारत में कॉल रिकॉर्डिंग की कानूनी स्थिति और नियम |
भारत में Call Recording कानून क्या कहता है? क्या 2025 में बिना इजाजत रिकॉर्डिंग करना अपराध है?
मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में हम सभी कभी न कभी कॉल रिकॉर्डिंग की सुविधा का उपयोग करते हैं। चाहे वह किसी बातचीत का सबूत हो या निजी सुरक्षा का मामला, कॉल रिकॉर्ड करना आजकल आम बात हो गई है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में कॉल रिकॉर्डिंग करना कानूनी है या नहीं? क्या बिना इजाजत किसी की बातचीत रिकॉर्ड करना अपराध है? 2025 के नए डिजिटल प्राइवेसी कानून क्या कहते हैं? आइए जानते हैं विस्तार से।
कॉल रिकॉर्डिंग क्या होती है?
कॉल रिकॉर्डिंग का अर्थ है मोबाइल या किसी अन्य डिवाइस के माध्यम से दो लोगों के बीच हुई बातचीत को रिकॉर्ड करना। आज के अधिकांश स्मार्टफोन्स में यह सुविधा इनबिल्ट होती है या थर्ड-पार्टी ऐप्स से इसे किया जा सकता है।
भारत में कॉल रिकॉर्डिंग से जुड़े कानून (2025 तक)
- Indian Telegraph Act, 1885: यह अधिनियम केवल सरकार को विशेष परिस्थितियों में टेलीफोन बातचीत सुनने की अनुमति देता है। आम नागरिक को इसकी अनुमति नहीं है।
- Indian Penal Code (IPC) – धारा 409, 420, 120B: यदि कॉल रिकॉर्डिंग का उपयोग किसी को नुकसान पहुंचाने या धोखाधड़ी के लिए किया जाता है, तो यह आपराधिक मामला बन सकता है।
- Information Technology Act, 2000: किसी की अनुमति के बिना डिजिटल डाटा रिकॉर्ड करना या शेयर करना अपराध की श्रेणी में आता है।
क्या बिना इजाजत कॉल रिकॉर्डिंग करना अपराध है?
हां, यदि आप बिना सामने वाले की जानकारी या अनुमति के कॉल रिकॉर्ड करते हैं और उसका उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए करते हैं, तो यह व्यक्ति की गोपनीयता का उल्लंघन है और यह कानूनी अपराध हो सकता है।
हालांकि, यदि रिकॉर्डिंग आपकी खुद की बातचीत की है, और आप उसका इस्तेमाल सिर्फ अपने लिए कर रहे हैं, तब यह “grey area” में आता है और कोर्ट इस पर मामला दर मामला विचार करता है।
क्या कोर्ट में कॉल रिकॉर्डिंग सबूत मानी जाती है?
- अगर कॉल रिकॉर्डिंग लीगल तरीके से की गई है और इसमें किसी पक्ष की सहमति है, तो कोर्ट उसे इलेक्ट्रॉनिक सबूत के रूप में स्वीकार कर सकता है।
- कॉल रिकॉर्डिंग को अदालत में पेश करते समय सेक्शन 65B of Indian Evidence Act के तहत प्रमाण पत्र देना आवश्यक होता है।
- बिना सहमति वाली रिकॉर्डिंग को कोर्ट में मान्यता मिलना कठिन हो सकता है।
WhatsApp, Telegram और Zoom कॉल की रिकॉर्डिंग पर क्या नियम हैं?
- WhatsApp/Telegram: ये एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म हैं, इनकी कॉल्स को थर्ड पार्टी द्वारा रिकॉर्ड करना टेक्निकल रूप से कठिन होता है।
- Zoom/Google Meet: इनमें रिकॉर्डिंग करते समय सभी प्रतिभागियों को नोटिफिकेशन जाता है – यह कानूनन आवश्यक है।
2025 में नया डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDP Act)
2023 में पारित और 2025 में प्रभावी बना Digital Personal Data Protection Act (DPDP) भारत में डेटा प्राइवेसी का बड़ा कानून है। इसके अनुसार:
- किसी की व्यक्तिगत जानकारी (जैसे आवाज, कॉल आदि) को रिकॉर्ड करने से पहले उसकी सहमति लेना अनिवार्य है।
- बिना अनुमति कॉल रिकॉर्डिंग प्राइवेसी उल्लंघन माना जाएगा और उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
- व्यक्ति इस तरह की रिकॉर्डिंग के खिलाफ डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड में शिकायत दर्ज कर सकता है।
क्या पुलिस या सरकार कॉल रिकॉर्ड कर सकती है?
केवल कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में जैसे:
- राष्ट्रीय सुरक्षा
- आतंकवाद से संबंधित मामले
- अदालती आदेश के तहत
तभी सरकार या एजेंसियां कॉल इंटरसेप्ट कर सकती हैं। इसके लिए उच्च स्तर की अनुमति जरूरी होती है।
कॉल रिकॉर्डिंग से जुड़े चर्चित मामले
- नीरव मोदी केस: कॉल रिकॉर्डिंग को सबूत के रूप में अदालत ने स्वीकार किया।
- राजनीतिक मामलों में: कई बार बिना सहमति रिकॉर्ड की गई कॉल्स लीक हो जाती हैं, जिन पर विवाद होता है और कानूनी कार्यवाही भी।
बिना अनुमति कॉल रिकॉर्ड करने पर सजा?
- आईटी एक्ट के तहत: 3 साल तक की जेल या ₹5 लाख तक का जुर्माना
- IPC सेक्शन 500, 509: मानहानि, निजता में हस्तक्षेप का मामला बन सकता है
- DPDP Act 2025: ₹250 करोड़ तक का जुर्माना (कंपनी या संस्था पर)
आप कॉल रिकॉर्डिंग का कानूनी रूप से कैसे करें?
- रिकॉर्डिंग से पहले दूसरे पक्ष को सूचित करें और अनुमति लें
- सिर्फ अपनी बातों की रिकॉर्डिंग करें और उसे सुरक्षित रखें
- रिकॉर्डिंग को सोशल मीडिया या अन्य प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक न करें
- कानूनी कार्यवाही में उपयोग से पहले सेक्शन 65B सर्टिफिकेट तैयार करें
निष्कर्ष
कॉल रिकॉर्डिंग एक संवेदनशील विषय है। यह जहां एक ओर निजी सुरक्षा में मददगार हो सकती है, वहीं इसके गलत उपयोग से कानूनी परेशानी भी हो सकती है। भारत में कानून इस दिशा में अब काफी स्पष्ट हो चुके हैं – बिना सहमति कॉल रिकॉर्डिंग करना अब अपराध की श्रेणी में आता है।
इसलिए हमेशा जागरूक रहें, और किसी भी प्रकार की रिकॉर्डिंग करते समय कानूनी दायरे में ही काम करें।
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