भारत में किराये पर घर लेने से पहले ज़रूर जान लें ये 15 कानूनी और व्यावहारिक बातें (2025 गाइड)

 

किराये पर घर लेने से पहले की 15 कानूनी और व्यावहारिक बातें - 2025 गाइड
घर किराए पर लेने से पहले ज़रूरी कानूनी और व्यवहारिक सलाह (2025)

भारत में किराये पर घर लेने से पहले ज़रूर जान लें ये 15 कानूनी और व्यावहारिक बातें (2025 गाइड)

Updated: 2025 | By JantaJunction.in

भारत जैसे देश में किराये पर घर लेना आम बात है, लेकिन कई बार यह अनुभव जटिल और परेशान करने वाला भी हो सकता है। कानूनी जानकारी की कमी, प्रॉपर्टी डीलरों का धोखा और किरायेदार-अधिकारों की अनदेखी जैसी समस्याएं आम हैं। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे किराये पर घर लेने से पहले की 15 जरूरी कानूनी और व्यावहारिक बातें, ताकि आप न सिर्फ एक सुरक्षित सौदा कर सकें बल्कि भविष्य की परेशानियों से भी बच सकें।

1. किरायानामा (Rent Agreement) ज़रूरी है

कई लोग सिर्फ मौखिक समझौते के आधार पर घर ले लेते हैं, लेकिन यह एक बड़ी गलती है। भारत सरकार की सिफारिश है कि हर किरायेदार के पास लिखित किरायानामा होना चाहिए जिसमें किराया, जमा राशि, अवधि, बिजली-पानी का विवरण, निकासी शर्तें आदि साफ-साफ लिखी हों।

2. किरायानामा का निबंधन (Registration)

यदि किरायानामा 11 महीने से अधिक का हो, तो उसे स्थानीय रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर कराना अनिवार्य है। इससे दस्तावेज की वैधता बढ़ती है और यह कानूनी विवादों में सहायक होता है।

3. सिक्योरिटी डिपॉजिट पर स्पष्ट सहमति

कई मकान मालिक 2 से 6 महीने का डिपॉजिट मांगते हैं। तय कर लें कि यह राशि कब और किन शर्तों पर लौटाई जाएगी। यह भी लिखवाएं कि डिपॉजिट काटने की स्थिति क्या होगी।

4. मकान की स्थिति की जांच करें

घर लेते समय उसकी हालत का मुआयना करें – दीवारें, टाइल्स, बिजली फिटिंग, पानी की लाइन, सुरक्षा व्यवस्था आदि। यह सब किरायानामा में भी जोड़ें ताकि बाद में कोई दोष आपके ऊपर न थोपा जाए।

5. पड़ोस और लोकेशन की जांच

किराये का घर केवल उसके अंदर से अच्छा हो, ये काफी नहीं। आसपास की लोकेशन, ट्रैफिक, स्कूल, अस्पताल, मार्केट आदि की दूरी को भी देखें।

6. पुलिस वेरिफिकेशन

2025 में पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य होता जा रहा है, खासकर महानगरों में। मकान मालिक को स्थानीय पुलिस थाने में किरायेदार का वेरिफिकेशन कराना होता है। यह आपकी और उनकी सुरक्षा दोनों के लिए ज़रूरी है।

7. बिजली और पानी के बिल की स्थिति

देखें कि पिछले बिलों का भुगतान किया गया है या नहीं। यदि नहीं, तो लिखित में स्पष्ट करें कि पिछली देनदारियां आपकी जिम्मेदारी नहीं हैं।

8. रख-रखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी

बिजली, पानी, नाली, पेंट आदि की मरम्मत कौन करवाएगा? इसे स्पष्ट करें। ज्यादातर मामलों में यह मकान मालिक की जिम्मेदारी होती है, लेकिन कुछ बातों के लिए किरायेदार भी जिम्मेदार होता है।

9. नियम और शर्तें

क्या आप घर में पालतू जानवर रख सकते हैं? क्या पार्टी की अनुमति है? क्या सबलेटिंग (किसी और को किराए पर देना) की अनुमति है? ये सब बातें किरायानामा में साफ होनी चाहिए।

10. मकान मालिक से मिलें और सीधे बात करें

ब्रोकर की बातों पर पूरी तरह निर्भर न रहें। मकान मालिक से मिलकर उसकी उम्मीदें और सीमाएं समझें। यदि वह एनआरआई है या किसी और शहर में रहता है, तो डिजिटल साइन या ई-साइन विकल्प चुनें।

11. ब्रोकर की फीस और उसकी भूमिका

यदि आप ब्रोकर के जरिए घर ले रहे हैं, तो उसकी फीस (आमतौर पर 1 महीने का किराया) पहले तय कर लें और एक रसीद अवश्य लें।

12. निकासी की शर्तें (Notice Period)

कई बार मकान मालिक अचानक घर खाली करने को कह देते हैं। किरायानामा में 30 दिन या 60 दिन का नोटिस पीरियड होना चाहिए ताकि आपको वक्त मिले नया घर ढूंढने का।

13. गैस और इंटरनेट कनेक्शन

जांचें कि गैस कनेक्शन आपके नाम ट्रांसफर हो सकता है या नहीं। इंटरनेट कनेक्शन के लिए Jio Fiber, Airtel या ACT जैसी सेवाओं की उपलब्धता जांच लें।

14. सोसाइटी रूल्स और मेंटेनेंस फीस

यदि घर किसी सोसाइटी में है तो मेंटेनेंस की राशि और सोसाइटी के नियम पूछ लें। कुछ सोसाइटी किरायेदारों पर समय सीमा, विज़िटर रजिस्ट्रेशन, कार पार्किंग जैसी पाबंदियां लगाती हैं।

15. कानूनी सलाह ज़रूर लें

यदि आपको किरायानामा समझने में कठिनाई हो रही है, तो एक कानूनी विशेषज्ञ या रजिस्टर्ड वकील से सलाह लें। यह मामूली खर्च आपको भविष्य की बड़ी परेशानियों से बचा सकता है।


अतिरिक्त सुझाव (Bonus Tips):

  • यदि आप किसी नए शहर में शिफ्ट हो रहे हैं, तो Housing.com या NoBroker जैसी ट्रस्टेड वेबसाइट्स का इस्तेमाल करें।
  • कभी भी बिना देखे ऑनलाइन एडवांस न दें। नकली लिस्टिंग से सावधान रहें।
  • अगर आप महिला किरायेदार हैं तो महिला-फ्रेंडली सोसाइटी या पीजी का चयन करें।

निष्कर्ष

भारत में किराए पर घर लेना जितना आसान दिखता है, उतना होता नहीं। कानूनी जानकारी, दस्तावेज़ी तैयारी और व्यावहारिक समझदारी से आप एक बेहतर और सुरक्षित किराये का अनुभव ले सकते हैं। ऊपर दी गई 15 बातें 2025 में भी पूरी तरह प्रासंगिक हैं और आपको एक जागरूक नागरिक बनाती हैं।

क्या आप भी जल्द ही किराए पर घर लेने जा रहे हैं? तो इस गाइड को अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें।


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लेखक: Deepak | स्रोत: JantaJunction.in

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