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डार्क वेब क्या है? 2025 में भारत में साइबर क्राइम और सुरक्षा उपाय |
भारत में डार्क वेब क्या है? 2025 में इसके खतरे, साइबर क्राइम और सुरक्षा के उपाय
इंटरनेट को आमतौर पर हम गूगल, फेसबुक, यूट्यूब या ई-कॉमर्स वेबसाइट्स तक ही जानते हैं, लेकिन इंटरनेट का एक ऐसा रहस्यमयी हिस्सा भी है जिसे सामान्य खोज इंजन से एक्सेस नहीं किया जा सकता। इसे ही कहा जाता है – डार्क वेब (Dark Web)।
2025 में भारत में साइबर अपराधों में जो तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, उसमें डार्क वेब की बड़ी भूमिका है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि डार्क वेब क्या है, यह कैसे काम करता है, इससे जुड़े खतरे क्या हैं, और हम इससे कैसे सुरक्षित रह सकते हैं।
डार्क वेब क्या है?
डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे पारंपरिक ब्राउज़र या सर्च इंजन जैसे Google, Yahoo, Bing आदि से नहीं देखा जा सकता। यह विशेष ब्राउज़र जैसे TOR (The Onion Router) के माध्यम से ही एक्सेस होता है।
इंटरनेट के तीन स्तर
- Surface Web: आम वेबसाइट्स (Google, Facebook, etc.)
- Deep Web: पासवर्ड-प्रोटेक्टेड साइट्स जैसे बैंक अकाउंट्स, मेडिकल डेटा
- Dark Web: गुप्त और एन्क्रिप्टेड नेटवर्क जिसमें अवैध गतिविधियाँ होती हैं
डार्क वेब पर क्या-क्या होता है?
डार्क वेब पर कई तरह की वैध और अवैध गतिविधियाँ होती हैं। हालांकि इसका उपयोग गोपनीयता बनाए रखने के लिए भी होता है, लेकिन अधिकांशतः यह अपराधों के लिए इस्तेमाल होता है:
- ड्रग्स और हथियारों की अवैध बिक्री
- क्रेडिट कार्ड और बैंक डेटा का व्यापार
- हैकिंग सर्विस, मालवेयर, स्पाइवेयर की बिक्री
- फेक डॉक्यूमेंट्स (Aadhaar, PAN, पासपोर्ट)
- चाइल्ड पोर्नोग्राफी और ट्रैफिकिंग नेटवर्क
- Deepfake वीडियो और फेक न्यूज स्प्रेड करना
2025 में भारत में डार्क वेब की स्थिति
- साइबर क्राइम यूनिट के अनुसार, भारत में डार्क वेब से जुड़े अपराधों में 30% बढ़ोतरी हुई है।
- मेट्रो शहरों में युवा हौबी के तौर पर TOR ब्राउज़र का प्रयोग कर रहे हैं।
- 2025 में NIA और CERT-IN ने मिलकर डार्क वेब निगरानी अभियान शुरू किया है।
डार्क वेब से जुड़े प्रमुख खतरे
- Identity Theft: आपकी पर्सनल जानकारी जैसे आधार, मोबाइल नंबर बेची जा सकती है।
- Financial Fraud: बैंक अकाउंट की जानकारी लीक हो सकती है।
- Cyberbullying: फर्जी प्रोफाइल बनाकर बदनाम किया जा सकता है।
- Malware Infection: डार्क वेब साइट्स से डिवाइस में वायरस आ सकता है।
- Blackmail & Extortion: अश्लील सामग्री के जरिए धमकी दी जा सकती है।
कैसे पहचाने कि आपकी जानकारी डार्क वेब पर है?
- HaveIBeenPwned.com जैसी वेबसाइट से जांच करें।
- Google Alert सेट करें अपने ईमेल या मोबाइल नंबर पर।
- अचानक स्पैम कॉल्स या मेल आना एक संकेत हो सकता है।
भारत सरकार की पहलें (2025)
- Cyber Crime Reporting Portal: (https://cybercrime.gov.in)
- CERT-IN: डार्क वेब मॉनिटरिंग और साइबर सुरक्षा ट्रेनिंग
- डिजिटल इंडिया अभियान: डिजिटल साक्षरता और जागरूकता
- Cyber Surakshit Bharat: संगठनों के लिए सुरक्षा फ्रेमवर्क
डार्क वेब से कैसे बचें?
- TOR, I2P जैसे ब्राउज़र से दूर रहें।
- कभी भी निजी जानकारी अनजाने लिंक पर न डालें।
- VPN या प्रॉक्सी से अवैध साइट्स एक्सेस न करें।
- 2FA (Two Factor Authentication) अनिवार्य रूप से लगाएं।
- साइबर क्राइम की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
क्या डार्क वेब पूरी तरह गैर-कानूनी है?
डार्क वेब स्वयं में गैर-कानूनी नहीं है। इसका उपयोग गोपनीय संवाद, रिसर्च, पत्रकारिता आदि के लिए भी किया जाता है। लेकिन भारत में अगर कोई इसका उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए करता है तो यह IT Act 2000 और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है।
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निष्कर्ष
डार्क वेब इंटरनेट का वो चेहरा है जो आम इंसान की पहुँच से बाहर है, लेकिन इसकी परछाई धीरे-धीरे हमारे समाज पर पड़ने लगी है। भारत में साइबर जागरूकता, सतर्कता और तकनीकी सुरक्षा को बढ़ावा देकर हम इस खतरे को काफी हद तक रोक सकते हैं।
क्या आपने कभी डार्क वेब से जुड़ी कोई जानकारी सुनी है? नीचे कमेंट करें और इस ब्लॉग को शेयर करें ताकि लोग सतर्क हो सकें।
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